शादी सिर्फ दो दिलों का मेल नहीं है,
आज कल शादियों का सीजन चल रहा हैं तो सोचा क्यू ना एक आर्टिकल शादी पर ही लिख दिया जाए,!
जैसा कि हम सब सोचते है कि शादी सिर्फ दो दिलों का मेल हैं,लेकिन मेरा मानना हैं कि शादी तभी सफल होती है जब दो परिवार का मेल होता है,
दोनों परिवारों के आपसी मनमुटाव के चलते अगnर कोई शादी होती है तो वो शादी तो होती है लेकिन उनका दांपत्य जीवन में सुख कभी नहीं होता है,जब दो दिलों के साथ दो परिवार मिलते है तों वो सिर्फ शादी नहीं सात जन्मो का बंधन बन जाता है, और वो घर नहीं स्वर्ग बन जाता है, इसके विपरीत अगर आपसी मनमुटाव के चलते अnगर कोई शादी होती है तो वो घर नरक बन जाता है, अब फ़ैसला आप पर हैं आप आपने घर को स्वर्ग बनाना चाहते हैं या नरक!
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दोनों परिवारों के आपसी मनमुटाव के चलते अगnर कोई शादी होती है तो वो शादी तो होती है लेकिन उनका दांपत्य जीवन में सुख कभी नहीं होता है,जब दो दिलों के साथ दो परिवार मिलते है तों वो सिर्फ शादी नहीं सात जन्मो का बंधन बन जाता है, और वो घर नहीं स्वर्ग बन जाता है, इसके विपरीत अगर आपसी मनमुटाव के चलते अnगर कोई शादी होती है तो वो घर नरक बन जाता है, अब फ़ैसला आप पर हैं आप आपने घर को स्वर्ग बनाना चाहते हैं या नरक!
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